फादर्स डे - 19

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लेखक: प्रफुल शाह खण्ड 19 गुरुवार, 02/12/1999 शेखर ने साई विहार में दोपहर 2.30 बजे प्रवेश किया। वह पांच दिनों बाद घर लौटा था, इस बीच उसकी कोई खबर नहीं थी, कोई फोन नहीं था, किसी को भी मालूम नहीं था कि वह कहां है और कब वापस आने वाला है। उसके इस व्यवहार से शिरवळ निवासियों और पुलिस वालों के मन में संदेह पैदा होना स्वाभाविक ही था। शेखर को इस बात का लेकर काफी शर्मिंदा था कि पिछले चार दिनों से वह अपने भांजे को खोजने में परिवार वालों की मदद के लिए उपस्थित नहीं था। उसे इस