फादर्स डे - 12

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लेखक: प्रफुल शाह खण्ड 12 मंगलवार, 30/11/1999 सूर्यकान्त गरम मिजाज़ का व्यक्ति था और उसका बर्ताव अशिष्ट, पर अपने काम के साथ तालमेल बिठाने वाला। ऐसा माना जाता है कि निर्दयी निर्माण उद्योग में टिके रहने के लिए ठेकेदारों को जिस तरह का काम करना पड़ता है, उसके कारण देर-सबेर उनके भीतर इस तरह की कुछ बुराइयां घर कर ही जाती हैं। यहां व्यक्ति को सौंपा गया काम तयशुदा समयसीमा में पूरा करने के लिए कई तरह के मजदूरों से निपटना पड़ता है। इन बातों को छोड़ भी दें तो सूर्यकान्त खुद की जिंदगी को पटरी पर रखना बहुत मुश्किल