अपना पुराना छोटा मकान बेचकर नया मकान खरीदने की वजह से अविनाश के माता-पिता बहुत खुश थे, लेकिन अपने माता-पिता का इकलौता बीस साल का पुत्र अविनाश अपने पुराने मकान को छोड़कर जाने की वजह से बहुत दुखी था, क्योंकि अविनाश बचपन से जवान अपने इसी मकान में हुआ था, इसलिए उसे अपने स्कूल के दोस्त और मोहल्ले के दोस्तों को छोड़ने का बहुत दुख था।जिस दिन अविनाश के माता-पिता अपने नए बड़े मकान में जाने की पूरी तैयारी अपने पड़ोसियों रिश्तेदारों की मदद से कर लेते हैं, तो उसी समय अविनाश अपने पुराने घर से हमेशा के लिए जाने