छोटे से कस्बे के बस अड्डे के पास बहुत बड़ा और खूबसूरत बाजार था। उस बाजार में एक लोमड़ी रहती थी, उस लोमड़ी को बाजार के दुकानदार बाजार में सामान खरीदने आने वाले ग्राहक बहुत प्यार करते थे। इस बस के बड़े बाजार में लोमड़ी को खाने-पीने की कोई कमी नहीं थी, फिर भी लोमड़ी कुछ दिनों से अपने जीवन से निराश और उदास हो गई थी, क्योंकि वर्षों से लोमड़ी की मुलाकात किसी भी जानवर से नहीं हुई थी।इस वजह से एक दिन लोमड़ी अपना दिल बहलाने के लिए कहीं घूमने की योजना बनाती है और बस अड्डे के