(68)बद्रीनाथ आज जो कुछ उमा ने महसूस किया उस पर विचार कर रहे थे। मनोहर ने बताया था कि उमा छत पर खड़ी चिल्ला रही थीं। कह रही थीं कि माया उनके सामने खड़ी हंस रही है। उसके बाद वह बेहोश हो गईं। इससे पहले भी उन्हें दो बार माया के आसपास होने का एहसास हुआ था। सोनम और मीनू को भी माया के होने का अनुभव हुआ था। बद्रीनाथ ने कभी उन लोगों के अनुभव पर संदेह नहीं किया था। उन्हें विश्वास था कि माया का बदला पूरा नहीं हुआ है। इसलिए वह उनके घर के आसपास मंडराती रहती