ऐसे बरसे सावन - 3

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स्वरा उनकी बातों से समझ गयी थी कि ये निहायतीबदतमीज हैं, और वह बस में कोई तमाशा नहीं करना चाहती थी,,, इसलिए वह मन ही मन उन्हें सबक सिखाने का फैसला करती हैं । अब आगे... इस बार स्वरा अपने गुस्से को नए अंदाज में उन लफंगे पर बरसाने के लिए मानसिक रूप से तैयार थी । उसने मन ही मन तय कर लिया था ,"आज इन लड़कों को छठी का दूध न याद दिलाया तो मेरा नाम भी स्वरा नहीं" जैसे ही वह लड़का स्वरा पर गिरने का नाटक करता हैं , वैसे ही स्वरा अपने सैन्डल की हिल