मैं ग़लत था - भाग - 8

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छोटे लाल के मन में उसके मायके को लेकर चल रही बातें सुन कर सरोज दंग थी, उसने कहा, "मेरे घर वालों ने तुम्हारे लिए इस तरह कभी सोचा ही नहीं होगा कि तुम को मान सम्मान चाहिए। वह तो जैसे पहले तुम्हें अपने घर का बच्चा समझते थे वैसे ही आज भी ..." "रहने दो, रहने दो, इसीलिए मुझे लगता है कि मुझे यह शादी करनी ही नहीं चाहिए थी।" सरोज ने कहा, "छोटे मैं सोच भी नहीं सकती थी कि तुम्हारे मन में बेवजह की बातों ने डेरा जमा लिया है। तुम क्यों दामाद बन कर रहना चाहते