प्यार में धोखा - भाग 5

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तारा की मां ने अपनी बेटी तारा को समझाते हुए कहा कि बेटा दूनिया चाहे कितनी भी क्यों न बदल जाये लेकिन एक लडकी की लाज शर्म उसके अपने हाथों में होती है और मैं ये नही करने की तुम अपने आप को मत बदलो लेकिन एक मर्यादा तक ही ठीक होता है ताकी कोई हम पर उंगली ना उठा सके और मैं ये मानती हूं हमे जमाने के साथ थोडा बहुत बदलाव तो आना ही चाहिए और तुम अब कमाने लगी हो तो मैं तो तुम्हे ।यही कहूगी की तुम थोडी बहुत बचत करनी भी सिखों ताकी आगे जा