रिश्ते… दिल से दिल के एपिसोड 4 [गरिमा जी छीनेंगी अपना हक] "दादी!", आकृति दामिनी जी को आवाज़ लगाते हुए घर के अंदर आई। दामिनी जी सोफे पर हाथ बांधे बैठी हुई उसी को घूर रही थीं। आकृति उनके पास आई और गले लग गई, "दादी! देखो, मैं आ गई।" "तुम किसी की कोई बात सुनती क्यों नहीं हो?", दामिनी जी ने उसे घूरते हुए ही कहा तो वो बोली, "मैंने किसकी बात नहीं सुनी?" "तुम ये बताओ कि तुम सुनती कब हो? गरिमा ने तुम्हें कितनी बार कहा है कि उस लड़के से दूर रहा करो फिर भी तुम