चमकीला बादल - 12

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(12) पोरशिया सिंगिल्टन मेज पर झुकी हुई एक नक्शे को बड़ी तन्मयता से देख रही थी। अचानक किसी ने बाहर से आवाज दी। "मैं अंदर आ सकता हूं?" "आ जाओ।" उसने नक्शे पर नजरे हटाते हुए कहा। एक गौर वर्ण आदमी अंदर दाखिल हुआ और पोरशिया ने उससे पूछा। "क्या बात है?" "देर से कोई रह रहकर काल कर रहा है।" उसने उत्तर दिया। "तुम फिर?" "अपना कोड नंबर नहीं बता रहा है। फिर हम उसे कैसे उत्तर दें?" "जब कोड नंबर नहीं बता रहा है तो फिर तुमने यह कैसे समझ लिया कि वह काल तुम्हारे लिए है?" पोरशिया