चमकीला बादल - 10

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(10) "राजकुमार तुम कदाचित मुझे अच्छी तरह नहीं जानते।" संगही ने बदले हुए लहजे में कहा और उसमें कुछ ऐसी ही बात थी। कमल चौंक कर उसे आश्चर्य से देखने लगा। "और अब तुम मुझे बताओगे कि राजेश कहां है?" संगही बोला। "तो गोया तुम मित्र नहीं बल्कि शत्रु हो।" कमल का लहजा भी बदल गया। "जो दिल चाहे समझ लो।" "मगर तुमने तो कहा था कि जिस देश में कानूनन हम तुम्हारा कुछ नहीं बिगाड़ सकते वहां तुम हमारे मित्र ही हो शत्रु नहीं।" "इस तर्क को छोड़ो और बताओ कि राजेश कहां है?" संगही ने कहा। "उन्हें क्यों