चमकीला बादल - 6

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(6) "क्या रखा है इस औरत में?" मसोमा ने धीरे से कहा। "क्यों घूर रहे हो?" "भ्रम है तुम्हारा। मैं तो नहीं घूर रहा।" कमल ने कहा। उधर वह लंबा आदमी अपनी साथी से कह रहा था। "तुम्हें बहुत जल्दी-जल्दी भूख लगती है। कहीं पाचन शक्ति न खराब कर बैठना।" "टोका मत करो।" औरत भन्ना कर बोली "तुम्हारे भले को कह रहा हूं।" लंबे आदमी ने हंसकर कहा। "कंठ तक ठुस लेती हो। फिर कहती हो कि तबीयत ठीक नहीं है।" "बकवास मत करो।" औरत ने चिनचिनाकर कहा। तुम्हारी मोटर कार नहीं बन सकती। न जाने किस बुरी घड़ी में