दूसरी औरत

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वाजिद हुसैन की कहानी -मार्मिक 'मैं अपनी बीवी से बहुत प्यार करता हूं।' उदास-सी आवाज़ में कहकर शकील ने सिर झुका लिया।अकरम ने काॅफी का एक घुट लिया था, तब शकील ने फिर से अपनी बात दोहराई। अकरम ने उसकी ओर आश्चर्य से देखा। फिर कहा, 'इसमें बार-बार कहने वाली क्या बात है? मैं समझ सकता हूं तुम सच बोल रहे हो।' 'पर उसे मेरी बात पर यकीन नहीं आता।' 'यकीन नहीं आता, क्या मतलब? मेरे ख़्याल में तुम एक अच्छे सभ्य और शालीन युवक हो, तुम्हारी बीवी को तुम पर विश्वास करना चाहिए। मैंने अक्सर तुम्हें उसके लिए गिफ्ट