आज जया बड़ी खुश थी,वो दो सालों के बाद अपने घर जो लौट रही थी,अपने पति और बच्चों से मिलने के लिए वो बेकरार हुई जा रही थी,उसने कैसे ये दो साल कुष्ठ रोग चिकित्सालय में बिताए थे ये वो ही जानती थी,चिकित्सालय क्या वो तो एक आश्रम की तरह था जहाँ कुष्ठ रोगियों का मुफ्त इलाज होता था,वो कितना रोई थी अपने घर से आते वक्त लेकिन आज वो बेहद खुश है.... दो साल पहले जब उसकी तबियत खराब रहने लगी तो डाक्टर ने कहा कि ये कुष्ठ रोग के शुरुआती लक्षण हैं जैसे कि शरीर का कोई भी