"कहाँ चले देवर जी? अरे! हमारा नेग तो देते जाइए",दीपाली ने अपने देवर सुबोध से कहा.... "भाभी! दोनों दीदियों ने तो लूट ही लिया है,लीजिए जो बचा खुचा है तो आप भी ले लीजिए",सुबोध बोला... "अरे! भाई! मैं तो मज़ाक कर रही थी,तुम तो मेरे बेटे के समान हो,तुमसे क्या नेग लेना,जाओ तुम बेफिक्र होकर अपने कमरे में जाओ,आरती भी तुम्हारा बेसब्री से इन्तजार कर रही होगी",दीपाली बोली.... "थैंक्यू भाभी! जो आपने मेरे लिए आरती को पसंद किया",सुबोध बोला... तब दीपाली बोली.... "थैंक्यू किस बात का सुबोध! बड़ी बहू होने के नाते ये तो मेरा फर्ज था कि इस घर