(16) "पहली बात यह है कि तुम घर पर हो—दूसरी बात यह है कि कर्नल साहब घर पर मौजूद नहीं हैं। तीसरी यह कि थोड़ी ही देर पहले तुम दोनों नीलम हाउस से आये हो—समझ रहे हो ना मैं इतनी सब बातें जानती हूँ और इसका खुला हुआ अर्थ यह है कि तुम दोनों हर -समय मेरी नजर में हो-मगर हम तुम्हारी नजर में नहीं है इसलिये "हो सकता है कि कभी भूल चूक से हमारी गोलियाँ तुम्हारी खोपड़ियों में खिड़कियां खोल दें।" "अरे तो तुमने मुझे धमकाने के लिये फोन किया था - " हमीद ने कहा "मैं तो