चिराग का ज़हर - 9

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(9) "आप यहां कितने दिनों से हैं ?" हमीद ने पूछा । "सात आठ महीने हो गये।" 'जब यहां के सारे नौकर भाग गये तो फिर अप क्यों रुकी रह गई ?" 'केवल इसलिये कि मैं दूसरों के समान नहीं हूँ।" "मैं ममझा नहीं?" हमीद उसे घूरता हुआ बोला । "मैं यह कह रही थी कि जिसने मेरी नियुक्ति की थी जब वही आकर मुझे अलग कर देगा तो मैं यहां से चली जाऊंगी।" "आप के खर्च कैसे पूरे होते हैं? ' हमीद ने पूछा। "मुझे बड़ा अच्छा वेतन मिलता था इसलिये मैंने पैसे बचा रखे थे- इसके अतिरिक्त फरामुज