(7) "देखिये ! अभी तक न तो आप फिरोजा से मिले हैं और न यहां आप ने शापूर से मुलाकात की है— मैं यह भी समझ रहा हूँ कि आप मिस नूरा को भी उपेक्षित नहीं कर सकते और खुद मुझे भी अर्जुन पूरा जाना है।" "मैं सोच रहा हूँ कि औरतें के सर्वाधिकार तुम्हारे नाम सुरक्षित कर दू" - " विनोद ने कहा, फिर मुस्कुराकर बोला, “मगर अर्जुन पूरा इसलिये तुम्हारे साथ चलूंगा ताकि जरा में भी देख लूँ कि वह भोला चेहरा कैसा है जिसने तुम्हें व्याकुल बना रखा है— मगर नूरा से तुम्हीं मिलना मैं नहीं।" “मेरे