चिराग का ज़हर - 5

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(5) हमीद ने फिर कुछ नहीं कहा। वह विन्ड स्क्रीन की ओर देखने लगा। काफी दूर एक मोटेल की रोशनी दिखाई दे रही थी। "यदि आप आज्ञा दे तो मैं अपनी एक इच्छा प्रकट करू?" पंकज ने कहा । "आज्ञा है।" "वह सामने जो प्रकाश दिखाई दे रहा है वह एक मोटेल का है- अगर आप वहीं गाड़ी रोक कर मुझे कुछ खिला पिला दें तो मैं प्रथम आप से वादा...." "कुछ खाने पीने के लिये इतनी बड़ी भूमिका बाँधने की क्या  आवश्यकता थी सीधे तौर पर भी यह बात कही जा सकती थी- " हमीद ने बात काट कर