भवानी सिंह श्यामा को अपनी बेटी की तरह मानता था,उसने उसे कई बार समझाने की कोशिश की कि ये सब तुम्हारे लिए नहीं बना है,तुम वापस अपने घर लौट जाओ लेकिन श्यामा नहीं मानी और वो उन सभी डाकुओं के साथ वहीं रहने लगी,कुछ साल यूँ ही बीते और भवानी सिंह पुलिस मुठभेड़ में मारा गया,तब सभी डाकुओं ने फैसला किया कि अब से डकैतों की मुखिया श्यामा होगी और फिर क्या था श्यामा डकैतों की मुखिया बनकर चम्बल पर राज करने लगी,वो गरीब असहाय और अबला औरतों की सहायता करती , जो उन सभी पर जुल्म करता तो उन्हें