एक थी नचनिया--भाग(९)

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अब रामखिलावन ने माधुरी से कहा.... माधुरी !अब आगें क्या करना है?कोई तरकीब सूझ रही है.... ना!भइया!मुझे तो कुछ ना सूझ रहा,तुम ही कुछ सुझाओ,माधुरी बोली... अब हमें जुझार सिंह के बेटे शुभांकर को अपने जाल में फँसाना होगा,तभी काम बन सकता है,रामखिलावन बोला... वो भला कैसें?माधुरी ने पूछा... अपने नाच का जादू चलाना होगा तुम्हें उस पर,रामखिलावन बोला... तो क्या वो रीझ जाएगा मेरे नाच पर?माधुरी ने पूछा... मुझे ये सब नहीं कहना चाहिए,क्योंकि तुम मेरी छोटी बहन हो लेकिन क्या करूँ मजबूरी में कहना पड़ रहा है ,रामखिलावन बोला... क्या कहना पड़ रहा है मजबूरी में?माधुरी ने पूछा...