एक थी नचनिया--भाग(४)

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सब वहाँ भागकर पहुँचे और फिर रामखिलावन कस्तूरी को समझाते हुए बोला... कस्तूरी!पागल हो गई है क्या?जानती है कि ये कौन हैं?ये जुझार सिंह जी हैं जिन्होंने हमें नौटंकी करने यहाँ बुलाया है,माँफी माँग इनसे... ये सुनकर कस्तूरी कुछ देर शांत रही फिर उसने रामखिलावन का चेहरा देखा जो उससे माँफी माँग लेने की विनती कर रहा था,इसलिए फिर वो जुझार सिंह से बोली.... माँफ कर दीजिए,गलती हो गई और इतना कहकर वो धर्मशाला के भीतर चली गई... कस्तूरी के जाने के बाद रामखिलावन बात सम्भालते हुए जुझार सिंह से बोला.... नादान है सरकार!आपको पहचानने में उससे भूल हो गई,नासमझ