जीवन @ शटडाऊन - 9

  • 2.2k
  • 1.1k

फिर से वहीं तक नीलम कुलश्रेष्ठ रिसेप्शन के कांच के दो दरवाज़ों के पार एक परछाईं उभरी, उन्हें लगा कि उन के खून का बहाव अपनी जगह थम गया है । साड़ी का वही केसरिया रंग, उस पर सुर्ख लाल रंग का पतला बार्डर और उस में लिपटी गोरी कमनीय देह । वह धुंधली सी परछाईं उन के करीब आती जा रही है, चाल में भी वही अकड़, वही आत्मविश्वास, दूसरों से अपने को थोड़ा ऊपर समझने वाला अहं, जिस पर कभी वह बरसों पहले रीझ उठे थे । रिसेप्शन में खुलने वाला कांच का दरवाजा आहिस्ता से खुला और