शायरी - 15

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हमारी जिंदगी में आना भी, और आकर रहना भी।बड़ा मुस्किल है मरना भी, और मर कर जिंदा रहना भी।।हम उनकी हर अदाकारी के कायल ठहरे,उनका तो पता नहीं हम तो बस घायल ठहरे ।राह चलते हुए को छेड़ना इश्क करना उनसे,हाल कुछ यूं हो जाय जैसे पानी पर बुलबुले ठहरे।।आप आते गए हम खोते गएदिल हंसता गया हम रोते गए सहारे एहसास के चाहिए थे किनारे सब होते जा रहे हैंदिमाक वालो की दुनिया में दिल ढूढना मुश्किल होता जा रहा हैआप चाहते तो हम कुछ भी करते, क्या हम आपसे सिर्फ दोस्ती करते।राह में तुम्हारे साथ भी चला करते,