क्या बात कर रही हो अंजना ' हम ठहरे शेड्यूल कास्ट के लोग और आप कहती हैं कि हमे धर्म-ग्रंथ पढ़ना चाहिए ?? आपका दिमाग तो खराब नहीं हो गया है ,, "हमे नहीं पढ़ना कोई शास्त्र ....' बड़े ही तेवर में माया जी ने अपनी सहेली अंजना से कहा ! अंजना को तो समझ ही नहीं आया यह क्या अनाब- शनाब बोल रही हैं ।अंजना मायूस होकर खुद को कसूरवार मानने लगीं वह सोच में पड़ गई कि कैसे एक वर्ग विशेष का दर्जा पाने वाले पंडितों ने समाज के अन्य वर्गों में अपनी पैठ जमाई है जिससे बाहर