60. क्या होगा गिरधारी ? उत्तर भारत में शहाबुद्दीन की सेनाएँ अपना आधिपत्य जमाने में लगी थीं। चाहमान, गहड़वाल और चन्देल तीन बड़ी शक्तियाँ यद्यपि तुर्कों से पराजित हो गईं पर किसी ने मन से इस हार को स्वीकार नहीं किया। जैसे ही अवसर मिलता विद्रोही आक्रमण कर दुर्गों को अपने कब्जे में कर लेते। चाहमान बार बार विद्रोह करते रहे । यही स्थिति गहड़वाल, चन्देल एवं परिहारों की थी। चंदावर के युद्ध में गहड़वालों की पराजय के बाद भी कान्य कुब्ज के विशाल राज्य पर तुर्की का कब्जा नहीं हो सका। तुर्क सेनाएँ लूट पाट करतीं पर विद्रोही भी