शाकुनपाॅंखी - 37 - जब अब्बू ने बुलाया है..

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55. जब अब्बू ने बुलाया है.. सुल्तान ने कुतुबुद्दीन को सिन्ध बुलाया है। खोख्खरों ने ग़ज़नी जाने वाले मार्ग को छेंक लिया है। भारत से कोई सामग्री ग़ज़नी नहीं पहुँच पा रही। इल्तुतमिश बदायूँ के अपने प्रासाद में पत्नी के साथ बैठे हैं। सेविका ने आकर आदाब किया?'हुजूर, कुहराम से कासिद आया है।''हाज़िर करो।'क़ासिद ने आकर सिर झुका आदाब किया। कुतुबुद्दीन की चिट्ठी निकाल कर दी । इल्तुतमिश ने पढ़ा। कासिद को सेविका विश्रामकक्ष में ले गई।'चिट्ठी में क्या है?"'मुझे सिन्ध की ओर जाना है। सुल्तान की ओर से बुलाहट है।' 'क्या कोई दिन ऐसा भी है जब हम आराम