42. अजयमेरु में दीप जले आज अजयमेरु में घर घर दीप जल रहे हैं। चाहमान नरेश हरिराज ने सुल्तान के सैनिकों को भगा दिया है। वीथियाँ और गलियारे जगमगा रहे हैं। गोविन्द को भागकर रणथम्भौर के किले में शरण लेनी पड़ी जहाँ किमामुल मुल्क रुहुद्दीन हम्ज़ा किले की देखरेख कर रहे हैं। हरिराज और स्कन्द को इतना जन समर्थन मिलेगा इसकी कल्पना भी करना कठिन था । गोविन्द से जुड़े भट उसके साथ चले गए। हरिराज ने स्वतंत्र होकर कार्य करना प्रारंभ किया। सुल्तान के सैनिकों से त्रस्त समाज राहत का अनुभव करने लगा। घर घर पुनः मंगलगान । स्कन्द