31. पता नहीं कौन भेदिया निकल आए ? अजयमेरु पर अपना कब्ज़ा जमा फौज के एक हिस्से को वहां रोककर सुल्तान अपने सिपहसालारों के साथ दिल्लिका पहुँच गया। शहर में लूट मच गई। इन्द्रप्रस्थ में सुल्तान की फ़ौजों ने अपना शिविर लगाया। मंदिर और मिहिरपल्ली की वेधशालाएँ ध्वस्त कर दी गई। कुहरम और समाना में कुतुबुद्दीन ऐबक के नेतृत्व में फ़ौजों का एक बड़ा दल व्यवस्था देखने के लिए नियुक्त किया गया। दिल्लिका का शासन कन्ह के बेटे को सौंप दिया गया। पर अजयमेरु में गोविन्द और दिल्ली में कन्हपुत्र मात्र कठपुतली थे । असली सत्ता सुल्तान के सिपहसालारों के