और राधा कैरोलिना के बताए पते के लिए निकल पड़ी।नाइ जगह वह आयी थी।इसलिए उसे कई जगह पूछना पड़ालेकिन आखिर वह पहुंवः ही गयी थी।"अरे तुम?"यहाँ?"राजन अपने सामने खड़ी राधा को देखकर चोंकते हुए आश्चर्य से बोला था"तुमने सोचा होगा,मैं यहां तो आ ही नही सकती।""ऐसी कोई बात नही है।""मैं पहचान नही पाई की तुम भी दूसरे आदमियों की तरह हो।तुम्हारे दिल मे भी खोट है।""ऐसी बात नही है।""ऐसी बात न होती तो तुम मेरा फोन जरूर उठाते।""वो फोन यहा पर काम नही करता और मुझे दूसरा लेना पड़ा।""तो दूसरे से मुझे फोन करते।""वो"कोई बहाना बनाने की जरूरत नही है।तुम