My Soul Lady - 39

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हॉस्पिटल में ,वेदांश गुमसुम सा ऑपरेशन थिएटर के सामने बैठा हुआ था उसके दिमाग में कहीं ना कहीं यह चल रहा था की स्वाति को कुछ हो ना जाए वह वेदांश जिसके चेहरे पर हमेशा खुशी रहती थी आज उसके चेहरे पर बस मायूसी थी , , ,यही तो प्यार है अगर एक साथी मुसीबत में है तो उसे खो देना का डर इंसान को पूरी तरह से तोड़ देता है , ना चाहते हुए भी आप पूरी दुनिया को भूल जाते हो और बस उसके बारे में सोचते हो , ,वेदांश अपने सोच में ही गुम था , कि