वो माया है.... - 42

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(42) शंकरलाल भटनागर की बेटी कुसुम से विशाल की शादी तय हो गई थी। विशाल उस समय ऐसी स्थिति में था कि वह ना रिश्ते के लिए मना कर सकता था और ना ही उसे स्वीकार कर सकता था। उसने अपने आप को पूरी तरह नियति के हवाले कर दिया था। वह सोचता था कि उसकी किस्मत में जो भी होगा उसे चुपचाप सह लेगा। उसने कुसुम से शादी कर ली। शादी के शुरुआती दो महीनों में विशाल कुसुम से खिंचा खिंचा रहता था। कुसुम इसका कारण समझ नहीं पाती थी। अपनी तरफ से विशाल का दिल जीतने की पूरी