रात के लगभग 12बज रहे होते है,सुनसान सड़क पर त्रिशा अकेली चल रही होती है।पर साथ ही उसके चेहरे पर डर भी होता है। आस पास कोई भी आदमी नही दिख रहा होता है, त्रिशा चुप चाप आगे बढ़े जा रही थी"यार ये किस रास्ते में आ गई यहां तो दूर दूर तक एक भी इन्सान दिखाई नही दे रहा है, इन्सान तो छोड़ो यहां एक जनवां भी नही दिख रहा।"तभी जंगल के अंदर से कुत्ते के चिल्लाने की आवाज आती है, आचनक से ये सुनके त्रिशा घबरा जाती है और झट पट आगे तेजी से बढ़ने लगती है।दूर दूर