तबादलों का मौसम

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तबादला करा लो   यशवन्त कोठारी      ये दिन तबादलों के दिन है । सरकारी, अर्ध सरकारी और गैर सरकारी सभी प्रकार के कर्मचारियों, अधिकारियांे को तबादलों के भूकम्प का सामना करना पड़ रहा है । कोई घर के पास आना चाहता है तो कोई घर से दूर जाना चाहता है । कोई पत्नी बच्चों के शहर में नौकरी चाहता है तो कोई इस जंजाल से छूटने के लिए दूर चला जाना चाहता है । प्रान्तों की राजधानियांे और देश की राजधानी में तबादलों के आकांक्षी गरजी, अरजी और तबादलों के मारे बदनसीब नेताओं के बंगलो, दफ्तरों और दलालों