जहाँ चाह हो राह मिल ही जाती है - भाग - 8

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उधर शक्ति सिंह अपनी बेटी नीलू को ढूँढने का भरसक प्रयास कर रहे थे और इधर नीलू ने उस इमारत के अंदर जाकर सब लड़कियों से बात की, वह हर लड़की से उसके बारे में सब कुछ जानना चाह रही थी। उसने सभी को दिलासा दिया कि वह शीघ्र ही उन सभी को यहाँ से निकाल लेगी। सभी लड़कियाँ नीलू से मिलकर बेहद ख़ुश थीं। एक आशा की किरण उनके अंदर प्रवेश कर गई थी कि शायद अब वह सभी इस नरक से बाहर निकल पाएंगी। नीलू ने जान बूझ कर वापस इमारत से बाहर निकलने की कोशिश की किंतु