प्रेम गली अति साँकरी - 76

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76---- ---------------------- इस बीमारी की कहर ने स्कूलों, कॉलेजों, संस्थानों में ताले लगवा ही दिए थे, काफ़ी दिनों बाद कुछ ‘ऑन-लाइन’ का चक्कर शुरू हुआ, निर्णय लिया गया था कि क्लासेज़ ऑन लाइन ली जानी चाहिए अन्यथा बिना रियाज़ के सब छात्र-छात्राएं सब कुछ भूल जाएंगे| स्कूलों में भी ऑन-लाइन क्लासेज़ शुरू की गईं थीं और कला-क्षेत्रों में भी काम का पुनरारंभ ऑन-लाइन हुआ | जो पहले स्वप्न की सी बात लगती थी अब जीवन की वास्तविकता लगने लगी|इतनी दूरी हुई कि आम आदमी उखड़ने लगा, टीन एज के बच्चों की मानसिकता पर बहुत नकारात्मक प्रभाव पड़ने लगा और सबको