इस तरह से छः महीने गुजर गए थे।आलेख एकदम पति और पिता का फर्ज अदा कर रहा था।पिया को अब एहसास हो गया था कि वो एक मां बनने वाली थी।उसको अब तरह तरह की दिक्कतें आ रही थी।आलेख एक डाक्टर होने की वजह से वो वी पी,चेक और वजन कम और ज्यादा ये सब देख रहा था।आलेख ने वो सब किया एक पति करना है और एक बाप भी।।ना जाने भगवान को क्या मंजूर था जो ये सब कुछ चल रहा था।छः महीने में ही तो गोद भराई की रस्में होती है।बस एक बार मुंह से कह दो बस