एक दूसरे को दूर से ही देख कर दोनों ने अलविदा कहा और अपने अपने रास्ते पर निकल गए मिलकर भी वह दोनों बिछड़ गए क्योंकि उन्हें बिछड़ कर फिर से मिलना जो था एकांश वापस इंडिया पहुंच चुका था वह पहले अपने कमरे में गया और दरवाजा बंद करके उसने आस्था को कॉल किया कुछ घंटों के सफर में ही वह तरस गया था आस्था की आवाज सुनने के लिए आस्था जो उसी के कॉल का इंतजार में थी उसने बिना एक पल गंवाये कॉल को रिसीव कर लिया दोनों खामोश रहे सिर्फ एक दूसरे की सांसो को महसूस