शाकुनपाॅंखी - 13 - उठो वीरवर

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20.उठो वीरवर गुरु श्री राम पुरोहित और चन्द आज बहुत दुःखी दिख रहे थे। उन्होंने महाराज से भेंट करना चाहा था पर महाराज आज अन्तःपुर से बाहर ही नहीं निकले। हाहुलीराय राज सभा में अपमानित होकर अपनी गढ़ी को लौट चुके हैं। महाराज ने मंत्रणा सभा में बैठना कम कर दिया है। सोमेश्वर और प्रताप सिंह के व्यवहार अधिक संदेहास्पद लग रहे हैं। गुप्तचरों ने सूचना दी कि धर्मायन के यहाँ गज़नी के तुर्कों का आना जाना बढ़ गया है। पर सबसे अधिक उद्वेलित करने वाली सूचना शहाबुद्दीन गोरी के बारे में थी। अपने चुने हुए तुर्क, ताजिक, खल्जी और