सुबह का वक्त , रघुवंशी मेंशनसुबह जब धूप की किरणें राघव के चेहरे पर पडी तो उसकी नींद टूट गयी । जानकी किसी बच्चे की तरह उसके कंधे पर सर रखकर सो रही थी । उसने अपने दोनों हाथों से राघव की बांह पकड रखी थी । राघव ने आस पास नजरें घुमाई , तो देखा सुबह हो चुकी थी और वो छत पर ही सो चुका था । धूप की वजह से जानकी की भी नींद टूट गयी । खुद को जब उसने राघव के इतने करीब पाया , तो तुरंत उससे एक फासला बनाते हुए दूर हो गयी