मोनीश ने अपने चेहरे से हाथ हटाया , तो उसके हाथों पर खून लग चुका था । मूंह और नाक दोनों से ही खून निकल रहा था । वही दूर खडी जानकी और संध्या दोनों ने आश्चर्य से अपने मूंह पर हाथ रख लिया । मोनिश गुस्से से उठते हुए बोला " एक नौकरानी से इतनी हमदर्दी । सिर्फ कुछ रातो के लिए ही तो रखेल बनाने की बात की थी । जिंदगी भर के लिए तो नही मांगा था । " अबकी बार राघव ने एक नही दो नही बल्कि अनगिनत घूंसे उसके चेहरे पर बरसाए । मोनीश को