उजाले की ओर –संस्मरण

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स्नेहिल नमस्कारमित्रोजन्माष्टमी के पावन पर्व के लिए सभी मित्रों को स्नेहपूर्ण मंगलकामनाएँ। कृष्ण प्रेम हैं, सहज हैं, सरल हैं। कृष्ण प्रेम हैं और प्रेम के बिना जीवन का कोई आधार ही नहीं है।जो चराचर जगत के सभी प्राणियों को अपनी ओर आकर्षित करे, वही है कृष्ण! कृष्ण प्रेम हैं इसीलिए सृष्टि का कण-कण कृष्ण की ओर आकर्षित होता है। दरअसल कृष्ण अकेले हैं जो सोलह कलाओं से परिपूर्ण परमपुरुष हैं।श्री कृष्ण की लीलाओं का प्रत्येक आयाम सहज और सरल मालूम होता है। बाल्यवस्था से लेकर अर्जुन को अपने विराट रूप का दर्शन कराने तक उनकी समस्त लीलायें हमारा मार्गदर्शन करती