नहीं, उन्हें टकलू कहना ठीक नहीं। टकलू तो हिंदी जगत में गंजे आदमी को कहते हैं। वो भी सम्मान से नहीं, बल्कि निरादर के भाव से!उनका नाम तो टकासालूलू था। वो सर पर गंजे ज़रूर थे लेकिन शरीर के और किसी भी हिस्से में गंजे नहीं थे। वनमानुष सा बदन था उनका। राजा ये सब अच्छी तरह देख चुका था, रात के अंधेरे में भी, और अब दिन के उजाले में भी। उसने वाशरूम में उनका मोबाइल ले जाकर दिया था। अकेले बैठे - बैठे राजा को एक शरारत भरा ख्याल आया कि उसे उनको टकलू नहीं बल्कि सालू कहना