अनोखी प्रेम कहानी - 18

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भरोड़ा से दुलरा दयाल क्या गया मानो अंचल के प्राण ही चले गये । प्रकृति ने भी शोक - संतप्त हो अपनी हरीतिमा त्याग दी । पंछियों ने चहचहाना छोड़ दिया । महल सूनी , चौपाल सूना , • अंचल का प्रत्येक आँगन सूना हो गया । श्री की अनुपस्थिति में समूचा अंचल ही श्रीविहीन हो गया । दुलरा दयाल का समाचार मंगलगुरु को अपने प्रशिक्षित कागों एवं गुप्तचरों के माध्यम से प्राप्त होता रहता । परन्तु , राजा और रानी के अतिरिक्त कोई नहीं जान पाया , कुँवर कहाँ हैं और क्या कर रहे हैं ? सेनापति की आँखों