वजूद - 24

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भाग 24 गांव वालों की बातें सुनने के बाद वह काफी उदास हो गया था। एकबार फिर उसे अपने भैया और भाभी याद आ गए थे। वो बैठा सोच ही रहा था कि तभी इंस्पेक्टर अविनाश वहां आ जाता है। वह काफी खुश नजर आ रहा था। वो सीधे शंकर के पास आया और बोला शंकर कैसा है ? ठीक लगा रहा है। ये देख मैं तेरे लिए नए कपड़े लेकर आया हूं। जब हम हॉस्पिटल से घर चलेंगे तो तू यही कपड़े पहनना। वैसे तेरे लिए एक अच्छी खबर भी लाया हूं। मेरा प्रमोशन मेरा मतलब मेरी तरक्की हो