वजूद - 22

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भाग 22 थोड़ी ही देर में कुसुम एक पोटली लेकर आई और शंकर की पीठ को सेंकने लगी। ज्यादा गर्म तो नहीं है ना शंकर ? कुसुम ने पूछा। नहीं भाभी ठीक है आराम मिल रहा है। शंकर ने जवाब दिया। हां इसलिए तो सेंक रही हूं। वैसे तुम्हें बुखार भी है। कुसुम ने चिंता जाहिर करते हुए कहा। हां भाभी दर्द के कारण कुछ बुखार आ गया है। शंकर ने फिर जवाब दिया। ये कुछ नहीं है शंकर, यह बहुत तेज बुखार है। अब तुम एक काम करो आंखें बंद करके लेट जाओ, मैं ठंडे पानी की पट्टी तुम्हारे