वजूद - 19

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भाग 19 एक इंस्पेक्टर अविनाश ही था जो उसकी चिंता किया करता था परंतु उसका तबादला होने जाने के बाद से शंकर की देखरेख करने वाला कोई नहीं था। अब शंकर की दाड़ी बढ़ गई थी, कपड़े भी फट गए थे। पैरों के जूते भी पूरी तरह से टूट चुके थे। टूटे जुते होने के कारण उसके पैरों में कई जख्म हो गए थे। अब हालात यह हो गई थी कि शंकर को काम करने में भी दिक्कत आती थी और वह लोगों के घरों पर भीख मांगने को मजबूर हो गया था। सुखराम काका हो, प्रधान गोविंदराम हो, मेहर