वजूद - 18

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भाग 18 उधर शंकर रोज चौकी पहुंचता था और सफाई कर गांव का चक्कर लगाने आ जाता था। यहां भी लोग उसे काम देते वो काम करता कोई उसे पैसा देता और कोई कुछ खाने-पीने का देकर उसे रवाना कर देता। शंकर इसे भी गांव के लोगों का प्यार सही समझ रहा था। हालांकि वह यह नहीं समझ पा रहा था कि गांव वाले अब उसके लिए बदल गए हैं, उनकी सोच में परिवर्तन आ गया है। यह बात वो इंस्पेक्टर समझ रहा था इसलिए वो शंकर को लेकर परेशान भी था। आखिर उसने एक दिन कलेक्टर से मिलने का