भाग 8 कड़ी मशक्कत के बाद गांव के बचे हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया था और उनके खाने-पीने और रहने की व्यवस्था प्रशासन द्वारा की गई थी। बचे हुए लोगों की आंखे अब भी बहते पानी में और गांव की तबाही के बाद बचे हुए मलबे में अपनों को तलाश रही थी। हालांकि उम्मीद किसी को नहीं थी फिर तलाश जारी थी। कई आंखों में उस तबाही की दहशत साफ देखी जा सकती थी और कई आंखे अपनों के खोने के गम से अब तक नम थी। गांव तो फिर बस सकता था परंतु जिनके घर अपनों