वजूद - 5

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भाग 5 काकी वो शहर है अपना गांव नहीं। वहां बहुत काम होता है वक्त नहीं मिला होगा कमल को, इसलिए नहीं आ सका होगा। ऐसे ही बात करते हुए सुखिया काकी का घर आ जाता है शंकर थैला घर के अंदर रखता है और काकी के पैर छूकर फिर अपने घर के लिए रवाना हो जाता है। आ गया क्यों बुलाया था प्रधान जी ने ? कुसुम ने शंकर से प्रश्न किया। वो पंचायत कार्यालय की छत टूट गई है। उसकी मरम्मत करना है। बारिश आने वाली है तो कार्यालय में पानी भर जाएगा। शंकर ने जवाब दिया। ठीक